1. आष्टांग योग और आष्टांग हृदय लिखने वाले वाग्भट कश्मीर में जन्में थे।
2. नीलमत पुराण कश्मीर में रची गई थी।
3. चरक संहिता, शिव-पुराण, कल्हण की राजतरंगिणी और सारंगदेव की संगीत रत्नकार सबके सब अद्वितीय ग्रन्थ कश्मीर में रचे गये थे।
4. वो रामकथा कश्मीर में लिखी गई थी जिसमें मक्केश्वर महादेव का वर्णन सर्व-प्रथम स्पष्ट रूप से आया है।
5. शैव-दार्शनिकों की लंबी परंपरा कश्मीर से शुरू हुई।
6. आचार्य विष्णु शर्मा रचित पंचतंत्र की रचना कश्मीर में हुई।
7. शंकराचार्य की तप: स्थली है कश्मीर में ।
8. कृष्णगंगा नदी कश्मीर में हैं जिसमें असुरों से छुपाकर लाई गई अमृत रखी गई थी।
9. इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि कम से कम लगभग ढाई हजार साल पहले से हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन शरदापीठ तीर्थ में एक विशाल मेला लगता था जहाँ भारत के कोने-कोने से लोग वाग्देवी सरस्वती के उपासक साधना करने आते थे। यानि इसे अंग्रेजों ने डिस्कवर नहीं किया था।
10. विश्व की कम से कम पांच महाशक्तियों को धूल चटाने वाले महान हिंदू राजा ललितादित्य का साम्राज्य भारत के महानतम साम्राज्यों में से एक था जिनका काल अंग्रेजों से एक हजार साल से भी पहले का है।
11. भारत के भव्यतम सूर्य मंदिरों में एक मार्तंड सूर्य मंदिर कश्मीर में अवस्थित है जहां केरल तक से लोग दर्शनार्थ आया करते थे।
12. इसके अलावा चिकित्सा, खगोलशास्त्र, ज्योतिष, दर्शन, विधि, न्यायशास्त्र, पाककला, चित्रकला और भवनशिल्प विधाओं का भी प्रसिद्ध केंद्र था कश्मीर क्योंकि उसपर माँ शारदा का साक्षात आशीर्वाद है। ह्वेनसांग के अपने यात्रा विवरण में लिखा है शारदा पीठ के पास उसने ऐसे-ऐसे विद्वान् देखे जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती कि कोई इतना भी विद्वान् हो सकता है। शारदापीठ के पास ही एक बहुत बड़ा विद्यापीठ भी था जहाँ दुनिया भर से विद्यार्थी ज्ञानार्जन करने आते थे।
Courtesy: The Kashmir Files Movie